गोपाल नेवार की कविता : “आहत पिता”

“आहत पिता”  *********** सभी पिता की भांति आशा की किरण मेरे मन-प्रांतर में भी फूटी-

युवा-सृजन और राष्ट्रीय संस्कृति का मेला है हिंदी मेला

कोलकाता  : सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन द्वारा आयोजित 26वें हिंदी मेले का ऑडिशन प्रक्रिया कई चरणों

रामा श्रीनिवास ‘राज’ की कविता

सेवक हूँ निज देश का, विश्व करे #पहचान, विस्मय चकित तथ्य सभी, भारत अपनी शान।1.

सब दर्ज है ‘बाला सेक्टर’ में 90 के हिन्दू नरसंहार से शुरू कर एयर स्ट्राइक, प्रेम, और राजनीति तक

संदीप खंडेलवाल (राजस्थान) : 1990 की रात से शुरू होती है बाला सेक्टर की कहानी।

अर्जुन अज्जू तितौरिया की कविता : “मातृभूमि”

“मातृभूमि” ये भूमि मात्र भूमि नहीं, मातृभूमि है, इसका वंदन धर्म का अभिनंदन है। सनातन

दुर्गेश बाजपेयी की कविता : निशा के आते ही

निशा के आते ही दिवाकर के छिपते संग ही, वो दबे पाँव आ जाती है,

गोपाल नेवार की कविता : “मेरी माँ”

मेरी माँ ********* माँ मेरी माँ मैं तेरी लाड़ली हूँ माँ बेशक मैं तेरी छोटी

“लोटन बा” : (कहानी) :– श्रीराम पुकार शर्मा

आज अचानक अपने सर्व आदरणीय ग्रामीण पुजारी स्वर्गीय राम लोटन कैलाश नारायण पाण्डेय जी का

गोपाल नेवार की कविता : “दो बूंद विष”

“दो बूंद विष” **** मृत्यु से डरता नहीं है वह न ही डरता है किसी

ऑनलाइन की सुविधाओं से 26वां हिंदी मेला जुड़ा देश-विदेश के युवाओं से

कोलकाता 17 दिसंबर : सप्ताह व्यापी 26वां हिंदी मेला 26 दिसंबर से 1 जनवरी 2021