गंदी दृष्टि (लघुकथा) :– अदिति कुमारी सिंह

पापा के साथ गई 10 साल की दिव्या को यह पता नहीं की लोगों की

दीपा ओझा की कविता :  “मैं स्त्री हूँ”

 “मैं स्त्री हूँ” मैं स्त्री हूँ सुना था कभी लोगों से देवी स्वरूप हूँ क्योंकि

साहित्य का खुला मंच और “साहित्य समाज” का लोकार्पण

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : रेल शहर खड़गपुर मंगलवार को एक विरल साहित्यिक परिघटना का

रिया सिंह की कविता : “ज्ञान की देवी”

“ज्ञान की देवी” जो जड़ में भी, चेतना का विस्तार कर दे अपने ज्ञान की

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खांटी खड़गपुरिया की कविता : खिलखिलाता रहे खड़गपुर…!!

कोरोना काल में भी शारदीय नवरात्र के उत्सव ने खांटी खड़गपुरिया तारकेश कुमार ओझा में

सदी के 131श्रेष्ठ व्यंग्यकारों के संकलन का लोकार्पण

बंगाल के एक व्यंग्यकार को किया शामिल देश के सुप्रसिद्ध कवि एवं चर्चित व्यंग्यकार श्री

अभिषेक पाण्डेय की कविता : “हिंदी का हो रहा सोलह श्रृंगार”

“हिंदी का हो रहा सोलह श्रृंगार”  ‘इंग्लिश’ लगाती पैरों में महावर ‘भोजपुरी’ ने हाथों में

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हावड़ा के अभिषेक पाण्डेय बने “हिंदी हैं हम” कविता प्रतियोगिता के विजेता

पंजाब विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा हिंदी दिवस के अवसर पर दिनांक 14.9.20 को परिचर्चा

हिंदी दिवस पर विशेष : राष्ट्रभाषा हिंदी की वर्तमान दशा- दिशा

राष्ट्रभाषा का शाब्दिक अर्थ है राष्ट्र की भाषा, जो भाषा देश के बहुसंख्यक लोगों द्वारा व्यवहार

भूमंडलीकरण के दौर में हिंदी : दशा एवं दिशा

‘भूमंडलीकरण’ शब्द भारतीय संस्कृति के ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की उतर आधुनिक  सोच है ।भारतीय अवधारणा मानवता