रिया सिंह की कविता : “ज्ञान की देवी”

“ज्ञान की देवी”

जो जड़ में भी,
चेतना का विस्तार कर दे
अपने ज्ञान की ज्योति से
चारो दिशाओं में प्रकाश भर दे
कुछ इस तरह है
वो ज्ञान कि देवी,
जो अपनी वाणी से
एक नया संचार कर दे।
जिन्हे सौभाग्य से ,
बेटियों का वरदान प्राप्त है
जिनके एक हाथ में गृहस्थी
तो दूजे में कर्तव्य का मान है
कुछ इस तरह है,
वो ज्ञान की देवी
जो साक्षात् भगवान है।
जिन्हे जीवन की उपलब्धियों से
तनिक न अभिमान है,
जिनके समक्ष धनी – गरीब
हर बच्चा समान है
कुछ इस तरह है
वो ज्ञान की देवी
जो स्वयं सादगी की पहचान है।
आशा की किरण बनकर वो,
हृदय में प्रवेश करती हैं।
कुछ इस तरह है
वो ज्ञान की देवी
जो तूफानों में भी
दीपक बनने का साहस रखती हैं।
जो जड़ में भी,
चेतना का विस्तार कर दे
अपने ज्ञान की ज्योति से
चारो दिशाओं में प्रकाश भर दे
कुछ इस तरह है
वो ज्ञान कि देवी,
जो अपनी वाणी से
एक नया संचार कर दे।
-रिया सिंह  ✍🏻
स्नातक, तृतीय वर्ष, (हिंदी ऑनर्स)

टीएचके जैन कॉलेज

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