सुधीर सिंह की कविता : बुढ़ी औरत

।।बुढ़ी औरत।। सुधीर सिंह अंग प्रत्यंग भंग है मानसिक अपंग है पथ कठिन है मगर

विश्व कविता दिवस पर विमर्श : सम्मानित हुए कविगण

गोण्डा के सुधीर श्रीवास्तव भी “कवि रत्न” से सम्मानित बस्ती, (उ.प्र.) । विश्व कविता दिवस

सुरेश शर्मा की कविता : आओ होली खेलें

।।आओ होली खेलें।। आओ होली खेलें आओ होली खेलें। जिंदगी को नई उमंग दे इसे

राष्ट्रीय कवि संगम की काव्य गोष्ठी में जमकर बरसी फाल्गुन की रंग बिरंगी फुहार

“त्यौहार होता है भले हिन्दूओं का “पुकार”/खुशियाँ मनाते सब है अपरम्पार होली में” कोलकाता। उत्कृष्ट

गोपाल नेवार ‘गणेश’ सलुवा की कविता : होली आई रे

होली आई रे गोपाल नेवार ‘गणेश’ सलुवा आई होली का त्योहार रंगों में भरी है

डीपी सिंह की रचनाएं…

नैन गड़ाइ न ढूँढ़ि सकै कहुँ अन्धन हाथ बटेर लगावै दीन मलीन दसा कतहूँ कहुँ

बद्रीनाथ की कविता : “नारी तुम सम्मान हो”

नारी तुम सम्मान हो नारी तुम सम्मान हो हर पुरुष में शक्ति सी विद्धमान हो

डीपी सिंह की रचनाएं

।।चुनावी होली।। जोगीरा सा रा रा रा रा… जोगीरा सा रा रा रा रा… हाथ

गोपाल नेवार की कविता : भारतवासी है हम

।।भारतवासी है हम।। गोपाल नेवार ‘गणेश’ सलुवा कहते है भारत का रहने वाला भारतवासी है हम।

डीपी सिंह की रचना : विपक्ष चरितम्

।।विपक्ष चरितम्।। आओ! भारत बन्द कराएँ शान्ति, विकास, प्रगति से खेलें, जाति धर्म का ज़हर