डीपी सिंह की रचनाएं

।।चुनावी होली।।

जोगीरा सा रा रा रा रा…
जोगीरा सा रा रा रा रा…

हाथ साफ़ हो, धोना तबतक, साबुन रखना साथ
यूपी ने धोकर सूबे से, साफ़ कर दिया हाथ

जोगीरा सा रा रा रा रा…
जोगीरा सा रा रा रा रा…

ईसा-मूसा राहुल जी के, हैं दोनों गुड़ फ्रैंड
तभी हुए हैं भाग यहाँ से, वायनाड में लैंड

जोगीरा सा रा रा रा रा…
जोगीरा सा रा रा रा रा…

उम्र पिछत्तिस के ऊपर है साढ़े ढाई साल
बैंकाक में कभी ढूँढ़ता, कभी फूँकता माल

जोगीरा सा रा रा रा रा…
जोगीरा सा रा रा रा रा…

यूपी में दादी सी वर्सेज़ है इनस्विन्गर नाक
पर पिच पर है बाबा जी के बुलडोजर की धाक

जोगीरा सा रा रा रा रा…
जोगीरा सा रा रा रा रा…

आम बात है, आम, बसन्ती मौसम में बउराय
आम आदमी होली में बौराए भङ्ग चढ़ाय

जोगीरा सा रा रा रा रा…
जोगीरा सा रा रा रा रा…

आज चुनावी मौसम में कौवे भी कूक सुनायँ
बर्र ततैया दावे करतीं, वो ही शहद बनायँ

जोगीरा सा रा रा रा रा…
जोगीरा सा रा रा रा रा…

अपनी सत्ता में भउजी को, छेड़े अपने पंच
ऐसे स्वर्णिम अवसर बिन अब भाये उन्हें न मंच

जोगीरा सा रा रा रा रा…
जोगीरा सा रा रा रा रा…

भइया जी की भउजी ने तो पलट दिया सब खेल
बाबा जी से मिलकर उनका किया गणित ही फेल

जोगीरा सा रा रा रा रा…
जोगीरा सा रा रा रा रा…

कल था तुमने माइक छीना, अब भुगतो परिणाम
भूले अबकी अब्बाजानी, लौंडे का ही नाम

जोगीरा सा रा रा रा रा…
जोगीरा सा रा रा रा रा…

जिसके कारण चूहे-बिल्ली, मिले साँप और मोर
बाँट रहा है वही, मचाते, यह कह कह कर शोर

जोगीरा सा रा रा रा रा…
जोगीरा सा रा रा रा रा…

–डीपी सिंह

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