प्रतिभा जैन की कविता : समझौता

समझौता आहत तो बहुत हुआ है, दिल जो तुमने तोड़ा है, छिड़क कर नमक जख्मों

कहता है श्याम कुमार राई ‘सलुवावाला’ : खुद से बात नहीं हो पाती…

कभी कभी खुद से बातें करने को बहुत जी चाहता है चाहता हूं कुछ ऐसा

प्रतिभा जैन की कविता : प्यार

।।प्यार।। कितना मुस्किल है एक तरफा प्यार मे दिल को समझाना न ख़बर तुमको देते

किसान नही तो साहेब तुम भी भूखे मर जाओगे

किसान नही तो साहेब तुम भी भूखे मर जाओगे देख सभी को रोटी देने वाला

प्रतिभा जैन की कविता : नौका विहार

।।नौका विहार।। नौका विहार मैं तेरे संग करूंगी, चांदनी रात आज पिया जी के नाम

डीपी सिंह की रचनाएं

सत्ता के उत्तराधिकारी ‘भारत की खोज’ नाम की किताब लिख दी तो सोचा देश, हवा,

प्रतिभा जैन की कविता : साक्षरता

।।साक्षरता।। अपनी बिखरी सी ज़िंदगी साक्षरता की ओर समेट रही हूं कभी किसी पन्ने में

डीपी सिंह की रचना : जय श्री हनुमान!

जय श्री हनुमान! आप बल-बुद्धि की, शील की खान हैं आप चाहें तो सब काम

प्रतिभा जैन की कविता : वीर

।।वीर।। ये आंखों ने इशारे करना छोड़ दिया। वीर तुम्हारी भक्ति से अपने को जोड़

सुधीर श्रीवास्तव की कविता : जलियांवाला बाग

।।जलियांवाला बाग।। बैशाखी का पावन दिन तारीख तेरह अप्रैल उन्नीस सौ उन्नीस एक सभा हो