अवसरवादी आचरण से नेताओं की विश्वसनीयता घटी- डॉ. रामनिवास ‘मानव’

हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार ने गणतंत्र दिवस पर कराई भव्य आभासी काव्य गोष्ठी इंदौर (मप्र)।

डीपी सिंह की रचनाएं

सेकुलर सिख इंशा अल्ला बोलकर, किये कलेजे चाक उनसे ही जा कर मिले, सिक्खी रखकर

गोपाल नेवार ‘गणेश’ सलुवा की कविता

।।श्रद्धा हो तो ऐसी।। गोपाल नेवार, ‘गणेश’ सलुवा दिल ने ये कहा आँख से दिल ने

गणतन्त्र दिवस पर पूर्वोतर भारत एवं पश्चिम बंगाल के 26 रचनाकारों का विराट काव्योत्सव

राजतंत्र सीखना है तो रामजी से सीखिए- डॉ. अशोक बत्रा मेरा क्या मैं तो ऐसे

डीपी सिंह की रचनाएं

नपुंसकता या शान्ति की भ्रान्ति? देश में हम थे कभी लावा धधकती क्रान्ति का दौर,

युवा दलित साहित्यकार मंच पं.ब. द्वारा गणतंत्र दिवस की संध्या पर काव्य संगोष्ठी का आयोजन

युवा चर्चित कवि बच्चा लाल ‘उन्मेष’ ने किया कविता पाठ कोलकाता। 73वें गणतंत्र दिवस के

गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन सम्पन्न

लहरपुर-सीतापुर । पूर्णोदय के कार्यक्रम संयोजक डॉ. अनिल शर्मा अनिल ने बताया कि पूर्णोदय साहित्यिक

संजय जायसवाल की कविता : रूमाल का कोरस

।।कविता-रूमाल का कोरस।। संजय जायसवाल उस दिन जब तुमने चुपके से आंखों की मोतियों को

डीपी सिंह की कुण्डलिया

चुनावी कुण्डलिया चीफ़ मिनिस्टर मैं बना, तो होगा यह काम हर घर टोंटी से मिले,

डीपी सिंह की रचनाएं

कुण्डलिया दारू-मुर्गा और अब, फ्री बिजली का चाव लोकतन्त्र तो बिक गया, मुफ़्त तन्त्र के