डीपी सिंह की कुण्डलिया

चुनावी कुण्डलिया चीफ़ मिनिस्टर मैं बना, तो होगा यह काम हर घर टोंटी से मिले,

डीपी सिंह की रचनाएं

कुण्डलिया दारू-मुर्गा और अब, फ्री बिजली का चाव लोकतन्त्र तो बिक गया, मुफ़्त तन्त्र के

स्वतंत्रता का मंत्र, हिंदुस्तान का राष्ट्रगीत

।।स्वतंत्रता का मंत्र, हिंदुस्तान का राष्ट्रगीत।। वन्दे मातरम्! सुजलाम, सुफलाम् मलयज-शीतलाम् शस्यश्यामलाम् मातरम् वन्दे मातरम्

डीपी सिंह की रचनाएं

नेतृत्व के सत्तर साल याद रहे अधिकार मगर कर्तव्य निभाना भूल गये अपने महल बने,

गोपाल नेवार ‘गणेश’ सलुवा की कविता

गोपाल नेवार,’गणेश’ सलुवा । 26 जनवरी 2022 गणतंत्र दिवस के 73 वर्ष पूर्ण होने के पावन

डॉ. रश्मि शुक्ला की कविता : गणतंत्र दिवस पर संकल्प

।।गणतंत्र दिवस पर संकल्प।। डॉ. रश्मि शुक्ला गणतंत्र दिवस पर हम सब मिलकर संकल्प करें,

राजीव कुमार झा की कविता : शरद पूर्णिमा

।।शरद पूर्णिमा।। राजीव कुमार झा बारिश के थमते ही रात जगमगा उठी चाँद आकाश में

सुलेखा सुमन की कविता : ये जीवन है

।।ये जीवन है।। सुलेखा सुमन छांव हमेशा के लिए नहीं रहती जीवन की धूप का

डीपी सिंह की रचनाएं

बेटी दिवस विशेष जब मनुज संस्कारों पॅ इतरायेगा नारी – रक्षार्थ जब गिद्ध भी धायेगा

सुरेशचन्द्र शुक्ल की कहानी- लाश के वास्ते, प्रेमचंद की कफ़न की परंपरा की रचना है – प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा

नार्वे से डिजिटल संगोष्ठी में प्रवासी साहित्यकार सुरेशचन्द्र शुक्ल ‘शरद आलोक की कहानी का पाठ,