भावाञ्जली और तिरंगा काव्य मंच की संयुक्त पेशकश बसंत की फुहार काव्य गोष्टी

मन बसंती हो गया कानन बसंती हो गया:- मधु मधुमन कोलकाता । भावांजलि और तिरंगा

डीपी सिंह की रचना : सरस्वती वंदना

।।सरस्वती वन्दना।। वन्दना कर के स्वीकार माँ शारदे वाणी में वीणा जैसी ही झंकार दे

पूर्णोदय राष्ट्रीय परिवार ने किया विराट ऑनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन

लहरपुर सीतापुर । पूर्णोदय साहित्यिक संस्थान लहरपुर सीतापुर के तत्वावधान और संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष

रीमा पांडेय की कविता : सरस्वती वंदना

।।सरस्वती वंदना।। रीमा पांडेय स्वर मेरा सजा दिया तूने शारदे चरणों में बिठा लिया तूने

डीपी सिंह की रचनाएं

चीर हरण प्रतिशोध भरा शकुनी का गोरख धन्धा था कृत्य अगर दुर्योधन का तो दुःशासन

राजीव कुमार झा की कविता : सुंदर सवेरा

।।सुंदर सवेरा।। राजीव कुमार झा सुबह की रोशनी सबको जगाती बाहर बुलाती। हर घर उजाले

मनोरमा पंत की कविता : नव नवल नूतन

।।नव नवल नूतन।। मनोरमा पंत भोपाल कल रात से ही, ज़मी से लेकर, आसमाँ तक

डीपी सिंह की रचनाएं

।।अबकी बारी होली में।। ख़ूब चकाचक रङ्ग जमेगा, अबकी बारी होली में… घुला चुनावी नशा

राजीव कुमार झा की कविता : रात की नदी

।।रात की नदी।। राजीव कुमार झा उदासी के बाद कितने दिन चले आते खत्म हो