पूर्णोदय राष्ट्रीय परिवार ने किया विराट ऑनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन
लहरपुर सीतापुर । पूर्णोदय साहित्यिक संस्थान लहरपुर सीतापुर के तत्वावधान और संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष
रीमा पांडेय की कविता : सरस्वती वंदना
।।सरस्वती वंदना।। रीमा पांडेय स्वर मेरा सजा दिया तूने शारदे चरणों में बिठा लिया तूने
डीपी सिंह की रचनाएं
चीर हरण प्रतिशोध भरा शकुनी का गोरख धन्धा था कृत्य अगर दुर्योधन का तो दुःशासन
राजीव कुमार झा की कविता : सुंदर सवेरा
।।सुंदर सवेरा।। राजीव कुमार झा सुबह की रोशनी सबको जगाती बाहर बुलाती। हर घर उजाले
मनोरमा पंत की कविता : नव नवल नूतन
।।नव नवल नूतन।। मनोरमा पंत भोपाल कल रात से ही, ज़मी से लेकर, आसमाँ तक
डीपी सिंह की रचनाएं
।।अबकी बारी होली में।। ख़ूब चकाचक रङ्ग जमेगा, अबकी बारी होली में… घुला चुनावी नशा
राजीव कुमार झा की कविता : रात की नदी
।।रात की नदी।। राजीव कुमार झा उदासी के बाद कितने दिन चले आते खत्म हो
‘राम ह्रदय बस मोरा’… एक भव्य काव्यारती समर्पित – अयोध्यापति भगवान् श्री राम के चरणों में
दीखने लगे हैं अब बाम को भी राम जी – डॉ. गिरधर राय कोलकाता ।
सामयिक परिवेश हिंदी पत्रिका ने मनाया विराट ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय महिला कवि सम्मेलन
मध्यप्रदेश । सामयिक परिवेश हिंदी पत्रिका के संपादक सह राष्ट्रीय सलाहकार श्याम कुंवर भारती का
श्रीराम पुकार शर्मा की कहानी : ‘दुर्बल को न सताइए, जाकी मोटी हाय’
।।’दुर्बल को न सताइए, जाकी मोटी हाय’।। सत्ता, सामर्थ्य और शक्ति प्राप्त होते ही लोग