गणतन्त्र दिवस पर पूर्वोतर भारत एवं पश्चिम बंगाल के 26 रचनाकारों का विराट काव्योत्सव

राजतंत्र सीखना है तो रामजी से सीखिए- डॉ. अशोक बत्रा
मेरा क्या मैं तो ऐसे ही गीत सुनाऊँगा – डॉ. गिरिधर राय

कोलकाता । 73वें गणतन्त्र दिवस के शुभ अवसर पर राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल की अध्यक्षता और प्रखंड संयोजक प्रान्तीय अध्यक्ष डॉ. गिरिधर राय के संयोजन एवं मार्ग दर्शन में पूर्वोतर भारत एवं पश्चिम बंगाल के 26 प्रमुख रचनाकारों का विराट काव्योत्सव का सफल आयोजन गूगल मीट एवं फेस बुक के माध्यम से किया गया, जिसका अत्यंत ही कुशल संचालन कोलकाता की वरिष्ठ कवयित्री स्वागता बसु और देवेश मिश्रा ने किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ असम के प्रान्तीय अध्यक्ष डॉ. अपराजिता डेका के स्वागत भाषण से हुआ। राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल बाबूजी ने अपने संबोधन में कहा कि कंट्री फर्स्ट माय सेल्फ लास्ट। राष्ट्र भक्ति से ओत-प्रोत वक्तव्य में उन्होंने कहा कि तेरा वैभव अमर रहे मां हम दिन चार रहें न रहें।

विशिष्ठ अतिथि राष्ट्रीय सह महामंत्री महेश कुमार शर्मा जी ने रचनाकारों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कविता के माध्यम से सभी की हौसला अफजाई की। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. अशोक बत्रा जी ने अपनी कविता – ‘संविधान औ परंपरा को हम निभाएं कैसे, सीखना हो आपको तो राम जी से सीखिए।’ के माध्यम से उम्दा संदेश दिया। इस काव्योत्सव में डॉ. गिरिधर राय, “पुकार” गाजीपुरी, स्वागता बसु, देवेश मिश्रा, आलोक सिंह, संदीप चमाड़िया, जनार्दन देव गोस्वामी, डॉ. अपराजिता डेका, डॉ. अनिता पान्डा, तरुन कान्ति घोष, बिजुली वैश्या, अमिया क्षेत्री, शिप्रा सामंत, डॉ. नीता शर्मा, सौमित्रम, पारुल बोराह, प्रतिभा शर्मा, मधु पटवारी, रीमा जोशी, मल्लिका डेका, गितुमनि गोहाई गोस्वामी, मामोनी डेका, मोनू यादव, धरित्रि शरबन सभी ने अपनी-अपनी रचनाओं से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिये।

इन रचनाओं में – स्वागता बसु की – ‘ये भारत अपना मंदिर है’, आलोक सिंह’ की – ‘वन्दना के गीत गाऊँ, छन्द बस दो चार दे दो।’, रीमा जोशी की गणतंत्र दिवस की जीवंत झाँकी प्रस्तुत करती कविता, देवेश मिश्रा की – ‘इस बंगाल की माटी का जब-जब गीत लिखा मैंने’, “पुकार” गाजीपुरी की – ‘है जान तिरंगें में बता क्यों नही देते’, एवं डॉ. गिरधर राय की – ‘मेरा क्या मैं तो ऐसे ही गीत सुनाऊँगा’ – बेहद सराही गयी। अंत में संदीप चमाड़िया ने पटल पर उपस्थित मनोज मोदी, वेद निधि और चक्रपानी अधिकारी सहित सभी सुधि जनों को धन्यवाद ज्ञापन कर इस अभूतपूर्व कार्यक्रम का समापन किया।

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