राजीव कुमार झा की कविता – मां
।।मां।। राजीव कुमार झा रोज जिंदगी की छाया को लेकर कर किरणों की मुस्कान समेटे
डॉ. मधु आंधीवाल की लघुकथा – जूठन
।।जूठन।। डॉ. मधु आंधीवाल 10 साल की कमली कभी बुखार में तपती मां को देखती
भारतवर्ष में सेतु है हिंदी : सोमा बंद्योपाध्याय
हावड़ा। हावड़ा के हिंदी विश्वविद्यालय में ‘पश्चिम बंगाल में हिंदी की दशा और दिशा’ विषय
राजीव कुमार झा की कविता : ध्रुवतारा
।।ध्रुवतारा।। राजीव कुमार झा दोस्ती से भी बड़ी जो चीज़ है यारो! भरोसा तोड़ कर
दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय महिला साहित्य समागम आज से
इंदौर। मां अहिल्या की नगरी और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में महिला लेखन
गजल मंच का ऑनलाइन तरही मुशायरा संपन्न
कोलकाता । गजल मंच का ऑनलाइन 61वाँ तरही मुशायरा बरेली के मशहूर गजलकार विनय सागर
महाराजा श्रीशचंद्र कॉलेज के विदाई समारोह में विद्यार्थियों ने किया कविता पाठ
कोलकाता । महाराजा श्रीशचंद्र कॉलेज के हिंदी विभाग द्वारा बीए हिंदी प्रतिष्ठा के अंतिम वर्ष के
राजीव कुमार झा की कविता : समय का सूरज
।।समय का सूरज।। राजीव कुमार झा वह गीत लिखता गुनगुनाता कभी खुद के पास जब
कहता है श्याम कुमार राई ‘सलुवावाला’- ग़म को गोली मारो
।।ग़म को गोली मारो।। गम को देखते ही गोली मार दो दुख को कहकहों से
डीपी सिंह की रचनाएं…
महाराणा के प्रताप का न झेल पाये ताप मुगलों के बार-बार मुँह काले हो गये