डॉ. आर.बी. दास की कविता : कुछ रिश्ते

।।कुछ रिश्ते।। डॉ. आर.बी. दास कुछ रिश्ते सबसे अपने होते हैं, ना मांगते हैं कुछ

भारतीय ज्ञान परंपरा के विविध संदर्भ पर हुई दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला संपन्न

वनस्पति विज्ञान का प्रचलन भारत में वैदिक काल से, विश्व के प्रथम विनस्पति शास्त्री, और

गरीफा मैत्रेय ग्रंथागार द्वारा आयोजित स्वरचित कविता पाठ एवं अंतरंग संगोष्ठी सम्पन्न

उत्तर चौबीस परगना, गरीफा। “लड़की पैदा नहीं होती, लड़की बनायी जाती है।”- यह कहना है

विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन सम्पन्न

विकसित भारत के लिए आवश्यक है कि राष्ट्र का सर्वांगीण विकास हो – कुलपति प्रो.

डॉ. आर.बी. दास की कविता : बस वही ठीक है

।।बस वही ठीक है।। डॉ. आर.बी. दास अगर हम लोगों को गलत लगते हैं तो,

राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना का राष्ट्रीय काव्य गोष्ठी संपन्न

उज्जैन। साहित्य, शिक्षा एवं संस्कृति की त्रिवेणी में समाज सेवा के साथ चारो दिशाओं में

यात्रा वृत्तांत : ‘शरत स्मृति कुटीर’

श्रीराम पुकार शर्मा हावड़ा। बंगला भाषा के साथ ही किसी भी भाषीय साहित्य-प्रेमी के लिए

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डॉ. आर बी दास की कविता : सच्चा सपना

।।सच्चा सपना।। डॉ. आर बी दास सपने में अपनी मौत को करीब से देखा… कफन

राजीव कुमार झा की कविता : होली का मौसम

।।होली का मौसम।। राजीव कुमार झा शानदार! बैटिंग करती हुई इश्क की क्रीज पर अविजित

जलधारा की एक शाम गजल के नाम

कोलकाता। देश की अग्रणी साहित्यिक संस्था ढाकुरिया जलधारा हिंदी साहित्यिक संस्था (पंजीकृत) के तत्वावधान में