वसंत ऋतु के आगमन पर अर्चना संस्था ने किया स्वागत

कोलकाता। वसंत ऋतु के आगमन के साथ ही अर्चना संस्था के सदस्यों ने स्वरचित रचनाओं

वसन्तोत्सव पर आयोजित आभासी संगोष्ठी हुई

उज्जैन। राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना एवं हिंदी परिवार इंदौर की उज्जैन इकाई के तत्वावधान में बसंत

बसन्त पर्व वाग्देवी भवन में हुआ वाग्देवी पूजन, व्याख्यान एवं काव्य पाठ

पद्मश्री से सम्मानित होने जा रहे विद्वान डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित का सारस्वत सम्मान हुआ उज्जैन।

राजीव कुमार झा की कविता : ठहरा हुआ पानी

।।ठहरा हुआ पानी।। राजीव कुमार झा तुम इसी तरह कभी पास आती गुलजार हो जाती

राजीव कुमार झा की कविता : वसंत का आंगन

।।वसंत का आंगन।। राजीव कुमार झा जिंदगी के जंगल में खुशियों का झंडा लेकर वसंत

साहित्यिकी संस्था द्वारा रामेश्वर नाथ मिश्र अनुरोध के महाकाव्य राष्ट्र पुरुष नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर परिचर्चा

कोलकाता। साहित्यिकी की जनवरी महीने की मासिक गोष्ठी में सुप्रसिद्ध साहित्यकार रामेश्वर नाथ मिश्र “अनुरोध”

राजीव कुमार झा की कविता : कितने दिनों तक

।।कितने दिनों तक।। राजीव कुमार झा दिल्ली की हवा में तुम्हारे प्यार के किस्से गूंजते

डॉ. आर.बी. दास की कविता : बस यही जिंदगानी है

।।बस यही जिंदगानी है।। डॉ. आर. बी. दास यहां हर दिल में एक अधूरी सी

नहीं रहीं प्रो. प्रेम शर्मा, अकादमिक जगत में शोक की लहर

Kolkata Hindi News, कोलकाता । कोलकाता के साहित्यिक एवं अकादमिक जगत में अपनी विशेष पहचान

राजीव कुमार झा की कविता : सच्चा प्यार

।।सच्चा प्यार।। राजीव कुमार झा समुद्र की लहरों पर थिरकती हुई खामोशी कितनी दूर यहां