रिया सिंह की कविता : “ज्ञान की देवी”

“ज्ञान की देवी” जो जड़ में भी, चेतना का विस्तार कर दे अपने ज्ञान की

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खांटी खड़गपुरिया की कविता : खिलखिलाता रहे खड़गपुर…!!

कोरोना काल में भी शारदीय नवरात्र के उत्सव ने खांटी खड़गपुरिया तारकेश कुमार ओझा में

अभिषेक पाण्डेय की कविता : “हिंदी का हो रहा सोलह श्रृंगार”

“हिंदी का हो रहा सोलह श्रृंगार”  ‘इंग्लिश’ लगाती पैरों में महावर ‘भोजपुरी’ ने हाथों में

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हावड़ा के अभिषेक पाण्डेय बने “हिंदी हैं हम” कविता प्रतियोगिता के विजेता

पंजाब विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा हिंदी दिवस के अवसर पर दिनांक 14.9.20 को परिचर्चा

रूपल की कविता – “सपनों के चिथड़े”

“सपनों के चिथड़े” आज मैंने जब देखा कांधे पर चढ़े तुम्हारे बच्चों की आँखें उनमें

रिया सिंह की कविता : “प्रेम”

“प्रेम” उन अंजान राहों में हुई थी मुलाकात उनसे जाने अंजाने में हुई थी बात

खड़गपुरिया तारकेश कुमार ओझा की चंद लाइनें ….

पहले से जिंदा लाश की तरह जीने वाले समाज के गरीब तबके की जिंदगी को

रूपल की कविता : “माँ”

माँ कई दिनों से माँ को हर रोज़ रात को फ़ोन करती हूँ सोने से

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रिया सिंह की कविता : “पण्डित जी”

“पण्डित जी” धर्म का चोला पहनकर अधर्म वो करते रहते हैं, कुछ पण्डित ऐसे भी

तारकेश कुमार ओझा की कविता : “घर में रहता हूं”

“घर में रहता हूं” लॉक डाउन है, इसलिए आजकल घर पे ही रहता हूं .