श्याम कुमार राई ‘सलुवावाला’ की कविता : “शैतान के अपने लगते हो”
“शैतान के अपने लगते हो“ तुम नजरें तो आसमान पर रखते हो पर ये क्या
डीपी सिंह की कुण्डलिया
इक्किस के सम्मान में, मचा रहे सब शोर। घड़ी-घड़ी सबकी नजर, उठे घड़ी की ओर।।
सेवा (लघुकथा) : माला वर्मा
“थोड़ा चावल और ले लीजिए अम्मां जी !” “नहीं बहू, अब पेट भर गया…।” “ले
नीलांबर कोलकाता द्वारा रेणु की कहानी संवदिया पर फिल्म का निर्माण
आनंद गुप्ता : हिंदी के सुप्रसिद्ध कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु का जन्मशताब्दी वर्ष पूरे देश में
ज्ञान, सृजन और कला का संगम है हिंदी मेला
कोलकाता : सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन द्वारा आयोजित 26वें हिंदी मेले के तीसरे दिन चित्रांकन, कविता
सृजन के संकल्प के साथ सात दिवसीय हिंदी मेला का भारतीय भाषा परिषद में उद्घाटन
कोलकाता : आज भारतीय भाषा परिषद में कोरोना के अनुशासन का पालन करते हुए सात
अर्चना पांडेय की कविता : “आईना”
“आईना” आईना तुम हर बार झूठ बोलते हो , तुम्हारा तो टूट जाना ही अच्छा
अनमोल रिश्ता (लघुकथा) : गोपाल नेवार, ” गणेश”
कॉलोनी में नये आए पड़ोसी ने रामबदन जी से जिज्ञासा किया – ” मैं कई
“एक टुकड़ा आसमान” : (कहानी) :– श्रीराम पुकार शर्मा
पुरानी पीढ़ी के निर्बल और दुर्बल लोग नई पीढ़ी से कुछ प्यार पाने की तमन्ना
अर्जुन तितौरिया की कविता : आज का कुरुक्षेत्र
*आज का कुरुक्षेत्र* वो कहते हैं हार मानलो हे अर्जुन मैं कहता हूं हार, अभी