राजीव कुमार झा की कविता : चाय की प्याली

।।चाय की प्याली।।
राजीव कुमार झा

प्यार का मधुर
तुम गीत गाकर
सबको सुनाना
जिंदगी का दीपक
शाम को जलाना
चांद सितारों से
सुने मन को
दिवाली के आंगन में सजाना
एक बार फिर
होली की गलियों में
आकर
सच्चे मन से मुस्काना
प्यार का रंग लगाना
नाराजगी को भुलाना
तुम इसी तरह अक्सर
याद आना
पास आकर
कभी कोई कहानी
सुनाना
जो किसी को
भुलाए न भूले
कोई कभी प्यार से
राहों में देखकर
अकेली दुपहरी में
कहीं हंस दे,
सहेलियां तुम्हारी
सबको तुम लगती
खूबसूरत नारी
औरतें चैत के
बाजार में लगतीं
सबकी प्राणप्यारी
घरवाली
मेहमानों के सामने
दुपट्टे को संभाले
लेकर आतीं
मीठी चाय की प्याली

राजीव कुमार झा, कवि/ समीक्षक

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च करफॉलो करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

three × one =