डॉ. आर.बी. दास की रचना…
रिश्ते हमेशा तितली जैसे होते हैं, जोर से पकड़ो तो मर जाते हैं। छोड़ दो
डॉ. आर.बी. दास की रचना…
जिंदगी की किताब में हर पन्ने पर, अलग किस्सा लिखा है, कहीं खुशियों का जिक्र
डॉ. आर.बी. दास की रचना…
हकीकत से रूबरू हो चुके हैं, अब कोई ख्वाब सजाना नहीं है… बहुत की है
डॉ. आर.बी. दास की रचना
जीवन में निरंतर नेक काम करते रहे, कोई आपका सम्मान करे या ना करे… आपकी
अशोक वर्मा” हमदर्द” की रचना : जाति वही सदा ऊंचा
।।जाति वही सदा ऊंचा – कबीर की बोली में।। अशोक वर्मा” हमदर्द” जो जन निचा
डॉ. आर.बी. दास की कविता
हम ना तो नास्तिक हैं, ना आस्तिक हैं, हम तो केवल वास्तविक हैं। जो अच्छा
डॉ. आर.बी. दास की रचना
जिसे निभा ना सके वो वादा ना करें… बातें कभी खुद के स्तर से ज्यादा
डॉ. आर.बी. दास की रचना
परिवार के साथ धैर्य प्यार कहलाता है… औरों के साथ धैर्य सम्मान कहलाता है… स्वयं
डॉ. आर.बी. दास की रचना…
कुछ लोग कभी आपके ना थे, ना आगे आपके होंगे, कभी-कभी आपको इसका एहसास होने
डॉ. आर.बी. दास की रचना…मोबाइल
।।मोबाइल।। डॉ. आर.बी. दास पहले लोग बेटा के लिए तरसते थे, और आज कल डेटा