डॉ. आर.बी. दास की कविता
कुछ भी कहीं भी हमारे बिना रुकेगा नहीं… इसलिए अपने आपको खास समझने की गलती
फादर्स डे पर अशोक वर्मा “हमदर्द” की कविता : मैं पिता हूं, फादर नहीं
।।मैं पिता हूं, फादर नहीं।। अशोक वर्मा “हमदर्द” मैं पिता हूं, हर दिन सुबह से
अहमदाबाद विमान दुर्घटना के दिवंगतों को समर्पित कविता : जो चले गए उस यात्रा में
।।जो चले गए उस यात्रा में।। अनुराधा वर्मा “अनु”, कानपुर जो चले गए उस यात्रा
डॉ. आर.बी. दास की रचना…
कुछ दर्द ऐसे होते हैं जिसे हम बया नहीं कर सकते हैं… बस वह इंसान
सौमेन रॉय की रचना : दर्पण
।।दर्पण।। सौमेन रॉय अक्सर वीराने में इंसान तन्हा होता है, सभी जब छोड़कर जाते हैं
डॉ. आर.बी. दास की रचना
जो मुस्कुरा रहा है, उसे दर्द ने पाला होगा। जो चल रहा है, उसके पांव
डॉ. आर.बी. दास की रचना…
।।डॉ. आर.बी. दास की रचना।। विचारों को वश में रखिए, वो आपके शब्द बनेंगे। शब्दों
अर्जुन तितौरिया खटीक की रचना – हम एक हैं
पता नहीं कौन अधर्मी एक विष घोल गया, सनातन धर्म को भिन्न-भिन्न जातियों में तोड़
अशोक वर्मा “हमदर्द” की कविता : उड़ने का अंदाज बदल
।।उड़ने का अंदाज बदल।। अशोक वर्मा “हमदर्द” हिम्मत की लौ जलाने चल, डर की ये
डॉ. आर.बी. दास की रचना…
सबकी जिंदगी का यही पैगाम है… जिंदगी का अंतिम सफर श्मशान है… रोते हैं लोग