डीपी सिंह की रचनाएं

कलयुगी रक्तबीज पुनः कलयुगी रक्तबीज ने काली को ललकारा है अपमान शक्ति का सुनकर आँखों

डॉ. आर.बी. दास की कविता : छोड़ दिया है

।।छोड़ दिया है।। डॉ. आर.बी. दास थोड़ा थक गया हूं, दूर निकलना छोड़ दिया है…

डॉ. आर.बी. दास की कविता : कभी-कभी

।।कभी-कभी।। डॉ. आर.बी. दास कैसे मैं कहूंगा मुझे थकान नहीं होती, हां मैं थक जाता

राजीव कुमार झा की कविता : तुमने उसे पुकारा

।।तुमने उसे पुकारा।। राजीव कुमार झा तुम प्यार के मौसम में धूप की तरह वसंत

डॉ. आर.बी. दास की कविता : कौन ढूंढे

।।कौन ढूंढे।। डॉ. आर.बी. दास अब कौन रोज-रोज भगवान ढूंढे, जिसको मिले वही ढूंढे, रात

डॉ. आर.बी. दास की कविता : कटु सत्य

कटु सत्य डॉ. आर.बी. दास आपके पास मारुति हो या बीएमडबल्यू, सड़क वही रहेगी। आप

राजीव कुमार झा की कविता : सपनों की रानी

।।सपनों की रानी।। राजीव कुमार झा जिंदगी की लहरों में तुम्हारे मन का संगीत सदा

डॉ. आर.बी. दास की कविता : ऐसे साथ की जरूरत है

।।ऐसे साथ की जरूरत है।। डॉ. आर. बी. दास जो मुझे कभी टूटने ना दे,

आर.बी. दास की कविता : कर्म क्या है

।।कर्म क्या है।। आर. बी. दास एक दिन हम सब को ऐसे सफर पर जाना

राजीव कुमार झा की कविता : प्रेम का रंग

।।प्रेम का रंग।। राजीव कुमार झा जिंदगी की लहरों में तुम्हारे मन का संगीत सदा