राजीव कुमार झा की कविता : चाय की प्याली

।।चाय की प्याली।। राजीव कुमार झा प्यार का मधुर तुम गीत गाकर सबको सुनाना जिंदगी

पुकार गाजीपुरी के दो काव्य संग्रह “शब्दों के फूल” व कलम को शोला बना के देखो” का लोकार्पण और कवि गोष्ठी का आयोजन

कोलकाता। हिन्दू स्नातकोत्तर महाविद्यालय जमानिया, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश के सभागार में हिन्दी विभाग व सौरभ

डॉ. आर.बी. दास की कविता : खुश हूं

।।खुश हूं।। डॉ. आर.बी. दास जिंदगी है छोटी, हर पल में खुश हूं, काम में

चंद्र किरण की कविता : आतप

।।आतप।। चंद्र किरण आतप घन में है धरा, जलता जग है जान। बेचैनी अब बढ़

डॉ. आर.बी. दास की कविता : छोड़ दिया

।।छोड़ दिया।। डॉ. आर.बी. दास कुबूल है जिंदगी का हर तोहफा, मैने ख्वाहिशों का नाम

राजीव कुमार झा की कविता : सबके पास

।।सबके पास।। राजीव कुमार झा जिंदगी गम से सदा दूर होकर कहना सबके पास थोड़े

राजीव कुमार झा की कविता : गुमनाम

।।गुमनाम।। राजीव कुमार झा रोशन मन से फूलों के चेहरे गुमनाम बने प्यार के सपने

डॉ. आर.बी. दास की कविता : अभी बाकी है

।।अभी बाकी है।। डॉ. आर.बी. दास गुजर रहा है उम्र, पर जीना अभी बाकी है,

राजीव कुमार झा की कविता : जिंदगी

।।जिंदगी।। राजीव कुमार झा रास्ते में तुम्हारे साथ आज कोई नहीं आया तुमने रुककर दोस्त

डॉ. आर बी दास की कविता : कहां खो गए हैं

।।कहां खो गए हैं।। डॉ. आर.बी. दास आजकल शर्म से चेहरे गुलाब नहीं होते! जाने