डॉ. आर.बी. दास की रचना…

थोड़ा सोचूं फिर एक बात लिखूं, जज्बात लिखूं या फिर हालात लिखूं, यार के यारी

प्यार के भवर जाल में पिसती जिंदगी की कहानी : लव मैरिज की ग्यारहवीं और अंतिम किश्त

अशोक वर्मा “हमदर्द”, कोलकाता। स्नेहा और अर्जुन ने पिछले कुछ वर्षों में कई चुनौतियों का

डॉ.आर.बी. दास की कलम से…

“व्यवहार” घर का शुभ “कलश” है, और “इंसानियत” घर की “तिजौरी” है! “मधुरवाणी” घर की

डॉ. आर.बी. दास की रचना : जो दिल कहे

।।जो दिल कहे।। डॉ. आर.बी. दास जिंदगी में कोई साथ दे या ना दे, मगर

दुर्गापुर हिंदी भाषा मंच पश्चिम बंगाल राज्य स्तरीय युवा सृजनात्मक लेखन प्रतियोगिता

दुर्गापुर। दुर्गापुर हिंदी भाषा मंच पश्चिम बंगाल राज्य स्तरीय युवा सृजनात्मक लेखन प्रतियोगिता का आयोजन

डॉ. आर.बी. दास की कविता

बातों में नादानियां होती है मेरी, पर मैं नादान नहीं, हां कमियां भी है मुझमें

प्यार के भवर जाल में पिसती जिंदगी की कहानी : लव मैरिज, दसवीं किश्त

अशोक वर्मा “हमदर्द”, कोलकाता। अर्जुन की नई नौकरी और बैंड की सफलता ने उसके जीवन

हाऊर : ग्रंथलोक पाठगार ।। शब्द व लेखन को समर्पित एक व्यक्तित्व – कालीपद चौधरी

समीरण भौमिक, खड़गपुर। राजा की स्वदेश में लेकिन विद्वानों की सर्वत्र पूजा होती है ।

काव्य गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन 

बरेली। शुभम मैमोरियल साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था की मासिक काव्यगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन