राजीव कुमार झा की कविता : सबके पास
।।सबके पास।। राजीव कुमार झा जिंदगी गम से सदा दूर होकर कहना सबके पास थोड़े
प्रसिद्ध साहित्यकार माला वर्मा की बहुप्रतीक्षित पुस्तक मायरा का विमोचन मायरा के हाथों
हाजीनगर, उत्तर चौबीस परगना। हिंदी में यात्रा संस्मरण के सर्वाधिक पुस्तकों की लेखिका, कवियत्री एवं
काँंचरापाड़ा कॉलेज हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित ‘हमारे समय में परसाई’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न
कोलकाता। हिन्दी विभाग द्वारा हरिशंकर परसाई के जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय संगोष्ठी का
राजीव कुमार झा की कविता : गुमनाम
।।गुमनाम।। राजीव कुमार झा रोशन मन से फूलों के चेहरे गुमनाम बने प्यार के सपने
उज्जैन : राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना का आभासी काव्य गोष्ठी संपन्न
उज्जैन। राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा होली के पावन पर्व पर एक आभासी अखिल भारतीय काव्य
जोगीरा सा रा रा रा रा…चुनावी होली
।।चुनावी होली।। दारू बाँटी और चलाया नशामुक्ति का खेल किन्तु खिलाड़ी सभी धुरन्धर आख़िर पहुँचे
राजीव कुमार झा की कविताएं : सफर
।।सफर।। राजीव कुमार झा सुबह घर के पास ख्वाहिशों से तुम दूर होकर आती मानो
डॉ. आर.बी. दास की कविता : अभी बाकी है
।।अभी बाकी है।। डॉ. आर.बी. दास गुजर रहा है उम्र, पर जीना अभी बाकी है,
राजीव कुमार झा की कविता : जिंदगी
।।जिंदगी।। राजीव कुमार झा रास्ते में तुम्हारे साथ आज कोई नहीं आया तुमने रुककर दोस्त
डॉ. आर बी दास की कविता : कहां खो गए हैं
।।कहां खो गए हैं।। डॉ. आर.बी. दास आजकल शर्म से चेहरे गुलाब नहीं होते! जाने