साहित्य का खुला मंच और “साहित्य समाज” का लोकार्पण
तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : रेल शहर खड़गपुर मंगलवार को एक विरल साहित्यिक परिघटना का
रिया सिंह की कविता : “ज्ञान की देवी”
“ज्ञान की देवी” जो जड़ में भी, चेतना का विस्तार कर दे अपने ज्ञान की
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पीयूष गोयलः सपने देखे और पूरे भी किए …
कहते हैं कि हर इंसान के भीतर कुछ न कुछ अलौकिक प्रतिभा छिपी होती है।
खांटी खड़गपुरिया की कविता : खिलखिलाता रहे खड़गपुर…!!
कोरोना काल में भी शारदीय नवरात्र के उत्सव ने खांटी खड़गपुरिया तारकेश कुमार ओझा में
सदी के 131श्रेष्ठ व्यंग्यकारों के संकलन का लोकार्पण
बंगाल के एक व्यंग्यकार को किया शामिल देश के सुप्रसिद्ध कवि एवं चर्चित व्यंग्यकार श्री
अभिषेक पाण्डेय की कविता : “हिंदी का हो रहा सोलह श्रृंगार”
“हिंदी का हो रहा सोलह श्रृंगार” ‘इंग्लिश’ लगाती पैरों में महावर ‘भोजपुरी’ ने हाथों में
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हिंदी दिवस पर विशेष : राष्ट्रभाषा हिंदी की वर्तमान दशा- दिशा
राष्ट्रभाषा का शाब्दिक अर्थ है राष्ट्र की भाषा, जो भाषा देश के बहुसंख्यक लोगों द्वारा व्यवहार
भूमंडलीकरण के दौर में हिंदी : दशा एवं दिशा
‘भूमंडलीकरण’ शब्द भारतीय संस्कृति के ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की उतर आधुनिक सोच है ।भारतीय अवधारणा मानवता
आम राय से फैसला ( हास-परिहास ) : डॉ लोक सेतिया
दो पक्ष बन गये थे और तमाम प्रयास करने पर भी कोई निर्णय हो नहीं
अमृता प्रीतम का इश्क : खामोशी और जज्बातों की दास्तान
भारतीय भाषाओं के जिन लेखकों, रचनाकारों ने पिछली सदी में समाज पर गहरी छाप छोड़ी