राजीव कुमार झा की कविता : चिंगारी

।।चिंगारी।। राजीव कुमार झा बागों के बाहर खामोश नजारा ढलती रात काली मतवाली प्यारी चिंगारी

भावनानी के व्यंग्यात्मक भाव

।।मैं मतदाता मेरी सिर्फ चुनाव में पूछ परख होती है।। किशन सनमुखदास भावनानी मैं मतदाता

डॉ. आर.बी. दास की कविता : छोड़ दिया

।।छोड़ दिया।। डॉ. आर.बी. दास कुबूल है जिंदगी का हर तोहफा, मैने ख्वाहिशों का नाम

राजीव कुमार झा की कविता : सबके पास

।।सबके पास।। राजीव कुमार झा जिंदगी गम से सदा दूर होकर कहना सबके पास थोड़े

राजीव कुमार झा की कविता : गुमनाम

।।गुमनाम।। राजीव कुमार झा रोशन मन से फूलों के चेहरे गुमनाम बने प्यार के सपने

जोगीरा सा रा रा रा रा…चुनावी होली

।।चुनावी होली।। दारू बाँटी और चलाया नशामुक्ति का खेल किन्तु खिलाड़ी सभी धुरन्धर आख़िर पहुँचे

राजीव कुमार झा की कविताएं : सफर

।।सफर।। राजीव कुमार झा सुबह घर के पास ख्वाहिशों से तुम दूर होकर आती मानो

डॉ. आर.बी. दास की कविता : अभी बाकी है

।।अभी बाकी है।। डॉ. आर.बी. दास गुजर रहा है उम्र, पर जीना अभी बाकी है,

राजीव कुमार झा की कविता : जिंदगी

।।जिंदगी।। राजीव कुमार झा रास्ते में तुम्हारे साथ आज कोई नहीं आया तुमने रुककर दोस्त

डॉ. आर बी दास की कविता : कहां खो गए हैं

।।कहां खो गए हैं।। डॉ. आर.बी. दास आजकल शर्म से चेहरे गुलाब नहीं होते! जाने