राजीव कुमार झा की कविता : मधुमास
।।मधुमास।। राजीव कुमार झा वसंत ऋतु! सर्दी – गर्मी बीत गया। आकाश का रूप नया!
राजीव कुमार झा की कविता : वसंत का गीत
।।वसंत का गीत।। राजीव कुमार झा सागर का एकांत किनारा उग आया संध्या का तारा
एक रोचक साक्षात्कार युवा कवि अरविंद कुमार भ्रमर से, वरिष्ठ पत्रकार राजीव कुमार झा द्वारा
वाराणसी के युवा कवि अरविंद कुमार भ्रमर के लिए काव्य लेखन महज एक शौक भर
लेखिका मनोरमा पंत से एक मुलाकात वरिष्ठ पत्रकार राजीव कुमार झा के साथ
भोपाल की पुरानी कवयित्रियों में मनोरमा पंत का नाम महत्वपूर्ण है। साहित्य के कई दौर
राजीव कुमार झा की कविता : मन की बात
।।मन की बात।। राजीव कुमार झा तुम कोई बात आज बताओ! जो याद तुम्हें नहीं
लेखिका डॉ. मीतू सिन्हा जी से एक मुलाकात, वरिष्ठ पत्रकार राजीव कुमार झा के साथ
झारखंड के धनबाद की लेखिका डॉ. मीतू सिन्हा ने साहित्य की विभिन्न विधाओं में लेखन
राजीव कुमार झा की कविता : सुंदर सवेरा
।।सुंदर सवेरा।। राजीव कुमार झा सुबह की रोशनी सबको जगाती बाहर बुलाती। हर घर उजाले
राजीव कुमार झा की कविता : रात की नदी
।।रात की नदी।। राजीव कुमार झा उदासी के बाद कितने दिन चले आते खत्म हो
राजीव कुमार झा की कविता : शरद पूर्णिमा
।।शरद पूर्णिमा।। राजीव कुमार झा बारिश के थमते ही रात जगमगा उठी चाँद आकाश में
राजीव कुमार झा की कविता : इंद्रधनुष
।।इंद्रधनुष।। राजीव कुमार झा रोज सुबह में रजत रूप लिए तुमने हर दिशा में दिखाया