राजीव कुमार झा की कविता : कितने दिनों तक

।।कितने दिनों तक।। राजीव कुमार झा दिल्ली की हवा में तुम्हारे प्यार के किस्से गूंजते

राजीव कुमार झा की कविता : सच्चा प्यार

।।सच्चा प्यार।। राजीव कुमार झा समुद्र की लहरों पर थिरकती हुई खामोशी कितनी दूर यहां

राजीव कुमार झा की कविता : अपना साथ

।।अपना साथ।। राजीव कुमार झा शीत की धूप ढलने के बाद प्यार में रातें गुजारना

राजीव कुमार झा की कविता : गुलाब की कली

।।गुलाब की कली।। राजीव कुमार झा गुलाब की महकती ख़ामोश कली याद आती उन दिनों

राजीव कुमार झा की कविता : सारी दुनिया में

।।सारी दुनिया में।। राजीव कुमार झा खामोशियों में घिरे लोग बदनाम होने लगते शक की

राजीव कुमार झा की कविता : दोस्ती के दिन

।।दोस्ती के दिन।। राजीव कुमार झा जिंदगी के ख्वाबों में यह हसीन सुबह नयी रंगत

राजीव कुमार झा की कविता : जिंदगी का आंगन

।।जिंदगी का आंगन।। राजीव कुमार झा तुम प्यार में सिर्फ स्वार्थ की बातें सदैव करती

राजीव कुमार झा की कविता : दोस्ती के दिन

।।दोस्ती के दिन।। राजीव कुमार झा तुम्हारे साथ बीते मुहब्बत जिंदगी की हकीकत सुबह सबके

राजीव कुमार झा की कविता : समंदर के पास

।।समंदर के पास।। राजीव कुमार झा प्यार की मंजिल सबसे पास होती यहां के नजारे

राजीव कुमार झा की कविता : पैगाम

।।पैगाम।। राजीव कुमार झा अब सबकी मुहब्बत की खबर सुनकर तुम्हें अहसास होगा अब घर