राजीव कुमार झा की कविता : सारी दुनिया में

।।सारी दुनिया में।।
राजीव कुमार झा

खामोशियों में घिरे
लोग
बदनाम होने लगते
शक की निगाहों से
सारी दुनिया में
उन्हें लोग देखते
समंदर कहां ख़ामोश
रहता
नदी के घाट पर आकर
नाविक उतरता
बहती हवा के संग
नाव को लेकर
फिर निकल पड़ता
ख़ामोश मन
अब मचलता
सच्चाई से दूर
ख़ामोश होकर कहीं
अकेला ठहरता

राजीव कुमार झा, कवि/ समीक्षक

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च करफॉलो करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *