राजीव कुमार झा की कविता : उसी प्रेम को लेकर

।।उसी प्रेम को लेकर।। राजीव कुमार झा जो चेहरा अब चुप्पी की दीवारों के पीछे

राजीव कुमार झा की कविता : चिंगारी

।।चिंगारी।। राजीव कुमार झा बागों के बाहर खामोश नजारा ढलती रात काली मतवाली प्यारी चिंगारी

राजीव कुमार झा की कविता : सबके पास

।।सबके पास।। राजीव कुमार झा जिंदगी गम से सदा दूर होकर कहना सबके पास थोड़े

राजीव कुमार झा की कविता : फागुन की मस्ती

।।फागुन की मस्ती।। राजीव कुमार झा हवा इठलाती घर आंगन से बाहर आकर गेहूं के

राजीव कुमार झा की कविता : तुमने उसे पुकारा

।।तुमने उसे पुकारा।। राजीव कुमार झा तुम प्यार के मौसम में धूप की तरह वसंत

राजीव कुमार झा की कविता : सपनों की रानी

।।सपनों की रानी।। राजीव कुमार झा जिंदगी की लहरों में तुम्हारे मन का संगीत सदा

राजीव कुमार झा की कविता : प्रेम का रंग

।।प्रेम का रंग।। राजीव कुमार झा जिंदगी की लहरों में तुम्हारे मन का संगीत सदा

राजीव कुमार झा की कविता : होली का मौसम

।।होली का मौसम।। राजीव कुमार झा शानदार! बैटिंग करती हुई इश्क की क्रीज पर अविजित

राजीव कुमार झा की कविता : वसंत का आंगन

।।वसंत का आंगन।। राजीव कुमार झा जिंदगी के जंगल में खुशियों का झंडा लेकर वसंत

राजीव कुमार झा की कविता : कितने दिनों तक

।।कितने दिनों तक।। राजीव कुमार झा दिल्ली की हवा में तुम्हारे प्यार के किस्से गूंजते