राजीव कुमार झा की कविता : बधाई

।।बधाई।। राजीव कुमार झा यह हंसी नये मौसम की धूप आकाश में छिटकी हवा घेरकर

राजीव कुमार झा की कविता : प्रकाश पर्व

।।प्रकाश पर्व।। राजीव कुमार झा रात में रोशनी के रंग से अंधेरे के पास आकर

राजीव कुमार झा की कविता : बीता पहर

।।बीता पहर।। राजीव कुमार झा यौवन की छटा तुम्हारी मुस्कान भी निराली मादक हो गये

राजीव कुमार झा की कविता : झिलमिल

।।झिलमिल।। राजीव कुमार झा बाजार में इश्क के सारे रंग बेनूर हो गये सुबह में

राजीव कुमार झा की कविता : बेहद संयम से

।।बेहद संयम से।। राजीव कुमार झा जो कोई नारी से प्रपंच रचेगा वही नरक में

राजीव कुमार झा की कविता : मनमीत

।।मनमीत।। राजीव कुमार झा जो मनमीत बनेंगे अपने दिल की बातें कहां सुनेंगे सब उसको

राजीव कुमार झा की कविता : डगरिया

।।डगरिया।। राजीव कुमार झा बीत गयी सारी उमरिया चलती रहती हवा संग तुम वही डगरिया

राजीव कुमार झा की कविता : दुपहरी

।।दुपहरी।। राजीव कुमार झा हम कभी केवल अपने साथ जब होते कुछ पल ही सही

राजीव कुमार झा की कविता : बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

।।बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ।। राजीव कुमार झा जीवन की राह पर इनको भी आगे बढ़ाओ

राजीव कुमार झा की कविता : चांद का सफर

।।चांद का सफर।। राजीव कुमार झा इस उम्र में आकर अब जीवन कितने सालों के