राजीव कुमार झा की कविता : फागुन

।।फागुन।। राजीव कुमार झा फागुन के मौसम का नया उजाला वसंत नयी यादों को लेकर

राजीव कुमार झा की कविता : सुनहरे पहाड़

।।सुनहले पहाड़।। राजीव कुमार झा अनकही बातें हमारी जिंदगी का एक पल तुमने चुराया याद

राजीव कुमार झा की कविता : सुबह की रोशनी

।।सुबह की रोशनी।। राजीव कुमार झा उसके महावर से रंगे पैर आलस्य से दूर उसकी

राजीव कुमार झा की कविता : धूप भरी राहों में

।।धूप भरी राहों में।। राजीव कुमार झा हम कहां राह में अब रुक जाते तुम्हारे

राजीव कुमार झा की कविता : मौसम

।।मौसम।। राजीव कुमार झा हम कहां राह में अब रुक जाते तुम्हारे चरणों पर शीश

राजीव कुमार झा की कविता : वसंत का आंगन

।।वसंत का आंगन।। राजीव कुमार झा वसंत की हवा सुबह में आयी वह धूप में

राजीव कुमार झा की कविता : वसंत

।।वसंत।। राजीव कुमार झा इतने दिनों के बाद अब याद आता वह पल इसके बाद

राजीव कुमार झा की कविता : समय का सूरज

।।समय का सूरज।। राजीव कुमार झा वह गीत लिखता गुनगुनाता कभी खुद के पास जब