प्रतिभा जैन की कविता : नौका विहार
।।नौका विहार।। नौका विहार मैं तेरे संग करूंगी, चांदनी रात आज पिया जी के नाम
डीपी सिंह की रचनाएं
सत्ता के उत्तराधिकारी ‘भारत की खोज’ नाम की किताब लिख दी तो सोचा देश, हवा,
प्रतिभा जैन की कविता : साक्षरता
।।साक्षरता।। अपनी बिखरी सी ज़िंदगी साक्षरता की ओर समेट रही हूं कभी किसी पन्ने में
डीपी सिंह की रचना : जय श्री हनुमान!
जय श्री हनुमान! आप बल-बुद्धि की, शील की खान हैं आप चाहें तो सब काम
प्रतिभा जैन की कविता : वीर
।।वीर।। ये आंखों ने इशारे करना छोड़ दिया। वीर तुम्हारी भक्ति से अपने को जोड़
सुधीर श्रीवास्तव की कविता : जलियांवाला बाग
।।जलियांवाला बाग।। बैशाखी का पावन दिन तारीख तेरह अप्रैल उन्नीस सौ उन्नीस एक सभा हो
डीपी सिंह की रचनाएं
।।राज-धर्म।। जिनके कुकृत्य ख़ुद चीख चीख बोलते हैं पार्टियाँ ही वही राजनीति भी सिखाती हैं
डीपी सिंह की रचनाएं
बालकों को कूल डूड, बालिकाएँ हॉफ न्यूड सेक्सी हॉट जैसे व्यवहार न सिखाइये दीपिका करीना
डीपी सिंह की रचनाएं
।।परिवर्तन।। (1) पहले तो सरकारें बनती बिगड़ती थीं प्याज वाले आँसुओं के भाव के बहाव
प्रतिभा जैन की कविता : दाता एक राम
।।दाता एक राम।। दाता एक राम है दुःख में खूब याद आए हैं सुख में