भावनानी के भाव : जल बचाओ जीवन बचाओ
।।जल बचाओ जीवन बचाओ।। किशन सनमुख़दास भावनानी मानसून 2023 आ रहा है जलवायु परिवर्तन चेता
कविता : पापा! मुझे खड्ग धरा दो
।।पापा! मुझे खड्ग धरा दो।। स्वीटी कुमारी पापा! मुझे खड्ग धरा दो इज्ज़त से मैं
भावनानी के भाव : माय पार्लियामेंट माय प्राइड
।।माय पार्लियामेंट माय प्राइड।। किशन सनमुख़दास भावनानी नए आधुनिक संसद भवन का उद्घाटन उत्साहवर्धक सफल
डीपी सिंह की रचनाएं
प्रश्न है हर तरफ, जो निराधार है वंश का क्यों पिता से जुड़ा तार है,
भावनानी के भाव : नया संसद भवन लोकतंत्र का मंदिर
।।नया संसद भवन लोकतंत्र का मंदिर।। किशन सनमुखदास भावनानी ग्रामसभा, विधानसभा, सांसद लोकतंत्र के मंदिर
डीपी सिंह की रचनाएं
जिनसे उम्मीद थी, खाइयाँ पाटते रह गए वो वतन छाँटते-काटते बाँटते जातियों में किसी वर्ग
डीपी सिंह की रचनाएं
यह गहन मौन में जो निहित नाद है आत्म-परमात्म के बीच संवाद है राम मय
डीपी सिंह की रचनाएं
अब तो कागा भी सन्देश लाते नहीं और कबूतर भी चिट्ठी ले जाते नहीं याद
भावनानी के भाव : प्राचीन संस्कृति का युवाओं में प्रसार करना है
।।प्राचीन संस्कृति का युवाओं में प्रसार करना है।। किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र प्राचीन संस्कृति
डीपी सिंह की रचनाएं
पीढ़ियों के त्याग-तप का फल भगीरथ को मिले तब सफलता देवसरि के अवतरण-पथ को मिले