जलधारा की एक शाम गजल के नाम

कोलकाता। देश की अग्रणी साहित्यिक संस्था ढाकुरिया जलधारा हिंदी साहित्यिक संस्था (पंजीकृत) के तत्वावधान में

ग़ज़ल मंच का ऑनलाइन 65 वाँ मासिक तरही मुशायरा सम्पन्न

कोलकाता। ग़ज़ल मंच का ऑनलाइन 65 वाँ तरही मुशायरा बरेली के मशहूर वरिष्ठ शायर गजलकार

श्याम कुमार राई ‘सलुवावाला’ की गजल : आदमी तो बनना सीख

गजल ।।आदमी तो बनना सीख।। श्याम कुमार राई ‘सलुवावाला’ गम में भी मुस्काना सीख गर्दिश

गजलकार पारो शैवलिनी की गजल

।।गजल।। दो दिन की मुलाक़ात में दुनिया बदल गई थी। हम तुम में खो गए

खज़ाना गज़ल महोत्सव 22 और 23 अक्टूबर को, हंगामा’ पर दुनिया भर के दर्शक नि:शुल्क ले सकते हैं मजा

ऑनलाइन खजाना ग़ज़ल महोत्सव में जानेमाने ग़ज़ल गायक पंकज उधास, अनूप जलोटा, तलत अज़ीज़, कविता

रामा श्रीनिवास ‘राज’ की गज़ल

जहाँ हैरतों का शहर कुछ नहीं, दिलों को वहाँ दर-बदर कुछ नहीं। चला हूँ खुदी

पारो शैवलिनी की गजल : तुम्हें जब से

तुम्हें जब से छाया है नशा मुझपे देखा है तुम्हें जबसे, काबू में नहीं दिल

गोपाल नेवार, “गणेश” सलुवा की गज़ल

भूली बिसरी पलों की जब याद आती है तन्हाई में अपनों की बहुत याद आती