।।सब बढ़िया है।।
डॉ. आर.बी. दास
अपना दुःख दर्द छुपाने को,
बस बचा एक ही जरिया है,
जब पूछे कोई कैसे हो?
हम कह देते सब बढ़िया है…
चेहरे पर मुस्कान लिए,
वाणी में रहते रस घोले,
स्वप्न सरीखा यह जीवन,
जो सरक रहा हौले-हौले,
आंसू किन्हें हम दिखलाए,
किससे हम मन की बात कहें,
बेहतर लगती पीड़ा अपनी,
भीतर अपने चुपचाप सहें,
कुछ पीड़ा सुन मुस्काएंगे,
कुछ नमक छिड़क कर जायेंगे,
कुछ पाप पुण्य का लगा गणित,
पापों का फल बतलाएंगे,
किसकी जिह्वा हम पकड़ेंगे,
किस-किस के होंठ सिलाएंगे,
ऐसा बोला तो क्यों बोला,
किस-किस से झगड़ते जायेंगे,
चुपचाप सुनेंगे तानों को,
दिल अपना भी एक दरिया है,
फिर पूछेगा जब हाल कोई,
तो कह देंगे “सब बढ़िया” है…
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