हंसराज सिंह ‘हंस’ के काव्य संग्रह “उद्गार” का भव्य विमोचन

गोरखपुर । संगम नगरी प्रयागराज की धरा पर अपने जीवट व्यक्तित्व की मिसाल बने वरिष्ठ

डीपी सिंह की रचनाएं

जनता को भरमाया, शिक्षा-नीति ने चढ़ाया भारत के युवाओं को नौकरी के झाड़ पे जोड़

जलधारा का तृतीय वार्षिकोत्सव संपन्न

कोलकाता । जलधारा हिंदी साहित्यिक संस्था (पंजीकृत) की तृतीय वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में 29 मार्च

सरिता सिंह के काव्य संग्रह “नारी पुष्प पलाश” का भव्य विमोचन

गोरखपुर । गोरक्षपीठ की पावन माटी में अपने को समाहित कर साहित्य सृजन की आभा

रीमा पांडेय की रचना : प्रकृति के दोहे

।।प्रकृति के दोहे।। रीमा पांडेय 1. नदियों का ये जल बहे, ज्यों अमरित की धार।

रुस और यूक्रेन की जंग पर गोपाल नेवार, ‘गणेश’ सलुवा की कविता : जंग रोक लो

।।जंग रोक लो।। गोपाल नेवार,’गणेश’ सलुवा उड़ती हुई धुएं की बवंडर ने सब कुछ खाक

डीपी सिंह की रचनाएं…

राजनीति क्षेत्र-जाति से है प्रीति, बिगड़ी है राजनीति राज बचा और नीति तार तार हो

राष्ट्रीय कवि संगम के मध्य कोलकाता इकाई द्वारा आयोजित मासिक काव्य गोष्ठी में बही काव्य धारा

“कौन रोक सकता है कवि की उड़ान को” कोलकाता । राष्ट्रीय कवि संगम के मध्य

डीपी सिंह की रचनाएं…

कश्मीर फ़ाइल्स गद्दियाँ जो हिली न थीं, फुरसत मिली न थी वादियों में अलगाववादियों के

साहित्य की 6 विभूतियों का सारस्वत- अभिनंदन किया गया

बरेली । साहित्यिक संस्था शब्दांगन और मानव सेवा क्लब के संयुक्त तत्वावधान में महामंत्री इंद्रदेव