गोरखपुर । गोरक्षपीठ की पावन माटी में अपने को समाहित कर साहित्य सृजन की आभा बिखेरती महानगर की होनहार बहू/युवा कवयित्री सरिता सिंह के एकल काव्य संग्रह “नारी पुष्प पलाश” का विमोचन रविवार को भारतीय गौरव साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थान के तत्वावधान में आयोजित विशाल कवि सम्मेलन में वरिष्ठ कवियों प्रदीप मिश्र ‘अजनबी’, (दिल्ली), हंसराज सिंह हंस (प्रयागराज), सुभाष यादव, जगदीश खेतान (कप्तान गंज), नंदकिशोर त्रिपाठी अंजाना, अरुण कुमार श्रीवास्तव के साथ विशिष्ट अतिथियों राजेश कुमार सिंह (ए.डी.एम.-वित्त एवं राजस्व, गोरखपुर)।

प्रवीण श्रीवास्तव (संयोजक -प्रयास एक परिवर्तन का’), सौरभ पाण्डेय (अध्यक्ष-धरा धाम), सत्या पांडेय (पूर्व मेयर गोरखपुर) के कर कमलों द्वारा संस्थान के संरक्षक सुधीर श्रीवास्तव (गोण्डा) संस्थापक संजय निराला, संयोजक राजीव रंजन मिश्र, कुंदन वर्मा (संस्थापक-मेरी शायरी मेरे गीत मेरी धड़कन), तारा सिंह अंशुल, रसबिंदु, विकास मिश्र (लोकार्थ फाउंडेशन), सतीश तिवारी (मदर एकेडमी) आदि गणमान्य लोगों और उपस्थित कवियों/कवयित्रियों, सैकड़ों श्रोताओं की उपस्थिति में भव्यता के साथ लवकुश मैरेज लान, निकट वात्सल्य पब्लिक स्कूल, पादरी बाज़ार, गोरखपुर में भव्यता के साथ किया गया। इस अवसर पर सरिता सिंह के जीवन साथी डा.राकेश सिंह भी उपस्थित रहे।

विमोचन के उपरांत संकलन के बारे में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि/चिंतक प्रदीप मिश्र ‘अजनबी’ ने कहा कि सरिता सिंह की रचनाएं अलख जगाती हैं। नंदकिशोर त्रिपाठी ने कहा कि सरिता सिंह ने इतने कम समय में अपनी सृजन क्षमता से अपनी विशिष्ट पहचान बना ली है। हंसराज सिंह ने कहा कि संकलन की रचनाओं से नारी विमर्श को बल मिलेगा।ए.डी.एम. राजेश सिंह ने सरिता सिंह को बधाइयां दी, तो जगदीश खेतान ने कहा कि सरिता सिंह की रचनाएं महिलाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं। सुधीर श्रीवास्तव ने कहा कि सरिता सिंह अपने शब्दों से आधी आबादी की आवाज को मुखरता प्रदान कर रही हैं। तारा सिंह अंशुल ने कहा कि संकलन का नाम उनके दृष्टिकोण का आइना है।

संजय निराला ने कहा कि सरिता सिंह की लेखनी समाज को आधी आबादी की आवाज बन रही है। राजीव रंजन मिश्र ने कहा कि सरिता सिंह की लेखनी का जादू संकलन की रचनाओं में दिखता है। इसके अलावा अनेक कवियों, कवयित्रियों ने संकलन की प्रशंसा करते हुए सरिता सिंह की हौसला अफजाई की और उनके निरंतर आगे बढ़ने की उम्मीद जताते हुए बधाइयां शुभकामनाएं दी। विमोचन कार्यक्रम का शानदार संचालन वरिष्ठ कवि और श्रेष्ठ संचालक हरिनाथ शुक्ल (सुल्तानपुर) ने किया। सरिता सिंह ने सभी अतिथियों, कवियों, कवयित्रियों का आभार, धन्यवाद करते हुए कहा कि आप सभी ने मेरी हौसला अफजाई कर मेरे मनोबल को और मजबूत किया है। जिससे मेरी लेखनी को मजबूती और मेरा आत्मविश्वास निश्चित ही बढ़ेगा।

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