अजय तिवारी की कविता : “आज का व्यवहार”
“आज का व्यवहार” माया , मोह , लोभ, चिंता में भटक रहा संसार है। मैं
सलकिया हिंदी साहित्य गोष्टी द्वारा आयोजित 72वाँ वसंती कवि सम्मेलन संपन्न
अनु नेवटिया : हावड़ा, सलकिया हिन्दी साहित्य गोष्ठी के तत्वावधान में 21 फरवरी 2021 को
गोपाल नेवार की कविता : वीरवधू की टीस
“वीरवधू की टीस“ तुम्हारे बारे में मैं अब क्या कहूँ दिल की बातें मैं अब
रीमा पांडेय की कविता : गुरु की महिमा
गुरु की महिमा हे गुरु! ज्ञान का देना संबल मुझे ज्ञान का दीप जलता रहे
प्रमोद तिवारी की कविता : “लाखा पडी उतानी”
“लाखा पडी उतानी” एक था साँप, एक थी लोमडी और एक था सियार, कथा पुरानी
अर्चना पाण्डे की कविता : “सीख लिया”
“सीख लिया” गिरकर उठना सीख लिया अब जख्मों को सीना सीख लिया । हां मैंने
कुरूक्षेत्र मेरी नजर से : अभिमन्यु सर्ग (प्रथम भाग)
कुरूक्षेत्र मेरी नजर से: अभिमन्यु सर्ग (प्रथम भाग) प्रचंड युद्ध चल रहा, प्रपंच शकुनि रच
“कुरूक्षेत्र” मेरी नजर से तृतीय भाग (कविता) : प्रमोद तिवारी
कुरूक्षेत्रः मेरी नजर से (तृतीय भाग) है प्राची लाल हो गई, किरण बेहाल हो गई,
“कुरूक्षेत्र” मेरी नजर से द्वितीय भाग (कविता) : प्रमोद तिवारी
कुरूक्षेत्रः मेरी नजर से द्वितीय भाग अनादि आज विफल क्यों? कुपात्र पात्र हो गया !
“कनिया” (भोजपुरी कविता) : हृषीकेश चतुर्वेदी
“कनिया” झाँकि के झरोखा से पुरुआ झरकि आवे, बाँस-बँसवारी चोंइ-चोंइ चीखे चौंकि के। —————————————- अंगना