स्वाति मिश्रा की कविता : “सूरत बनाम सीरत”
“सूरत बनाम सीरत” आइने ने कहा इक दिन, “क्यूं सिर झुकाए बैठी हो? ज़रा मेरी
1 Comments
विजय कुमार गुप्ता की कविता : “सत्यमेव जयते”
“सत्यमेव जयते” सत्यमेव जयते, सत्यमेव जयते पीछे रह जाओगे असत्य के रहते होगी जीत सत्य
अजय तिवारी ” शिवदान ” की कविता : ” ठूंठ “
” ठूंठ “ लहलहाता था, छाया भी देता था। हवा बहाता था, ठंड पहुंचाता था।
1 Comments
गंदी दृष्टि (लघुकथा) :– अदिति कुमारी सिंह
पापा के साथ गई 10 साल की दिव्या को यह पता नहीं की लोगों की
दीपा ओझा की कविता : “मैं स्त्री हूँ”
“मैं स्त्री हूँ” मैं स्त्री हूँ सुना था कभी लोगों से देवी स्वरूप हूँ क्योंकि
साहित्य का खुला मंच और “साहित्य समाज” का लोकार्पण
तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : रेल शहर खड़गपुर मंगलवार को एक विरल साहित्यिक परिघटना का
रिया सिंह की कविता : “ज्ञान की देवी”
“ज्ञान की देवी” जो जड़ में भी, चेतना का विस्तार कर दे अपने ज्ञान की
1 Comments
खांटी खड़गपुरिया की कविता : खिलखिलाता रहे खड़गपुर…!!
कोरोना काल में भी शारदीय नवरात्र के उत्सव ने खांटी खड़गपुरिया तारकेश कुमार ओझा में
सदी के 131श्रेष्ठ व्यंग्यकारों के संकलन का लोकार्पण
बंगाल के एक व्यंग्यकार को किया शामिल देश के सुप्रसिद्ध कवि एवं चर्चित व्यंग्यकार श्री
अभिषेक पाण्डेय की कविता : “हिंदी का हो रहा सोलह श्रृंगार”
“हिंदी का हो रहा सोलह श्रृंगार” ‘इंग्लिश’ लगाती पैरों में महावर ‘भोजपुरी’ ने हाथों में
1 Comments