सप्रेम संस्थान द्वारा ऑनलाइन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व मुशायरा सम्पन्न

प्रेम ही इंसान है ये, प्रेम ही भगवान है। प्रेम ही है धर्म मजहब, प्रेम ही ईमान है।।

– देश के 8 प्रदेशों से शामिल हुए 30 कवि एवं शायर, गीतकार ने पढ़ी रचनाएँ।

लखनऊ। सप्रेम संस्थान के तत्वावधान में इसके ऑनलाइन पटल सप्रेम काव्य गोष्ठी पर महान सामाजिक एवं आध्यत्मिक चिंतक निरंकारी सन्त श्री प्रेम नारायण लाल जी के 7वें पावन स्मृति में 30 दिसम्बर 2023 दिन शनिवार की शाम को आल इण्डिया कवि सम्मेलन एवं मुशायरा हर्सोल्लास से सम्पन्न हुआ। जो सायं 6 बजे से साढ़े 9 बजे तक चला। जिसमें दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश के अनेक ज़िले वाराणसी, आज़मगढ़, जौनपुर, सोनभद्र, प्रयागराज, कुशीनगर, गाज़ियाबाद, नोएडा तथा लखनऊ और गुजरात, मुम्बई, कोलकाता व चेन्नई के लगभग 30 कवि, शायर और कवित्रियों ने भाग लिया। इसमें सरला सरल व विजय मोहन सिंह चेन्नई से, उस्ताद शायर कमल पुरोहित अपरिचित कोलकाता से, त्रिभुवन जायसवाल मुम्बई से, कपिल सरोज गुजरात से, मधुसूदन गौतम राजस्थान से, जगन्नाथ पटौधी व रचना त्रिपाठी हरियाणा से, उस्ताद शायर सुरेश मेहरा शाहदरा व सागर देहलवी दिल्ली से।

मुल्कराज आकाश गाज़ियाबाद से, ई.धर्मेंद्र अस्थाना नोएडा से, गिरीश पांडेय व भूपेंद्र अस्थाना लखनऊ से, सुनील चौरसिया कुशीनगर से, डॉ. पुष्पेंद्र अस्थाना पुष्प, अमित नासमझ व रितेश साहिल आज़मगढ़ से, डॉ. दिव्यांशु पांडेय प्रयागराज से, सिद्दीक अहमद बहर बनारसी सोनभद्र से, रोहित अस्थाना, वहीद इक़बाल बनारसी, सिद्धनाथ शर्मा सिद्ध, जमाल बनारसी, परमहंस तिवारी परम्, जितेंद्र पाठक, डॉ. मुक्ता श्रीवास्तव, प्रदीप पटेल शून्य, वासिफ़ बनारसी वाराणसी से और डॉ. प्रमोद वाचस्पति सलिल जौनपुरी व सुमति श्रीवास्तव जौनपुर से शामिल रहे। इन कवि सज्जनों के उम्दा ख़्याल और ऊंची-ऊंची उड़ान सुनने के लिए घण्टों तक पूरे भारत से अनेकों प्रेम-प्रेमी सज्जन इस सप्रेम कवि गोष्ठी के सोशल पटल गूगल मीट पर जमे रहे और कवियों का हौसला अफ़जाई हैंड रेज़, तालियों और कमेंट करके लगातार करते रहे।

ज्ञातव्य हो कि ऑनलाइन होने वाला यह अब तक का सबसे लम्बा कवि सम्मेलन था जो लगभग तीन घण्टे चला। अंत मे कार्यक्रम ख़त्म होने पर भी लोग सप्रेम पटल को छोड़ना नहीं चाह रहे थे। इस प्रकार प्रेम पर आधारित यह काव्य गोष्ठी पूरे देश के प्रेम-प्रेमियों को सप्रेम जोड़ने में काफ़ी सफल रहा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कपिल सरोज ने कहा कि तीन घंटे से अधिक हुए कवि सम्मेलन में शामिल हुए कवियों द्वारा प्रस्तुत रचनाओं को सुनने का अवसर मिला। शानदार अभिव्यक्तियों और अनुभूतियों से सजी-संवरी महफिल का आनंद प्राप्त हुआ। बहुत सुंदर प्रस्तुति और साहित्यिक वातावरण के लिए हार्दिक आभार। प्रेममय जगत के निर्माण में प्रेमी साथियों का अभिनन्दन। अस्थाना परिवार को पिता की याद को चिरस्थायी संबल बनाने का प्रयास अनुकरणीय और ग्रहणीय है। यह प्रयास निरंतर जारी रहे इसी शुभ भावना है हमारी।

कवि गोष्ठी का सफल संचालन आजमगढ़ से सप्रेम संस्थान के अध्यक्ष एवं कवि, शायर व साहित्यकार डॉ. पुष्पेंद्र अस्थाना पुष्प और वाराणसी से रोहित अस्थाना प्रभव ने किया। कार्यक्रम का आगाज़ नोएडा से ई. धर्मेंद्र अस्थाना के मधुर गुरु व ईश स्तुति-गजल से हुआ और समापन भी इन्हीं के उद्बोधन से हुआ। अन्त में लगभग साढ़े नौ बजे रात्रि में कवि गोष्ठी में जुड़े सभी कवियों, कवित्रियों, शायरों और प्रेम-प्रेमी स्रोताओं का आभार ज्ञापन प्रख्यात चित्रकार भूपेंद्र अस्थाना ने लखनऊ से किया।

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