33 साल बाद प्रो. सिंहल के 38 वाश चित्रों की प्रदर्शनी दिल्ली में लगाई जाएगी
प्रो. सुखवीर सिंहल ऐसे पहले चित्रकार थे जिनके वाश चित्रों में नर नारियों के अलग
यह कला कार्यशाला केवल एक शृंखला ही नहीं बल्कि एक परिवर्तनकारी शिक्षण अनुभव था – नेहा सिंह
दस दिवसीय ग्रीष्मकालीन कला कार्यशाला का समापन कार्यशाला में कक्षा केजी से फ़ाइन आर्ट्स तक
राजीव मिश्र के निधन पर कला जगत में शोक है, कला जगत में अपूर्णीय क्षति है
“शांतचित्त एवं सौम्य व्यक्तित्व के धनी थे चित्रकार राजीव मिश्र” लखनऊ। वरिष्ठ चित्रकार राजीव मिश्रा
शिल्प सृष्टि – तकनीकी दक्षता और माध्यम की सृजनात्मक सम्भावनाओं की समझ दर्शाते है – जय कृष्ण
इन मूर्तिशिल्प को देखकर मुझे भविष्य की संभावनाएं दिख रही है – राजीवनयन लखनऊ। कला
राकू कार्यशाला : मिट्टी एक मजबूत अभिव्यंजक माध्यम है
– मिट्टी, बच्चों में रचनात्मक गति को प्रोत्साहित करता है – प्रेम शंकर प्रसाद –
मुखौटा, एक मजेदार और रचनात्मक शिल्प है – भूपेन्द्र अस्थाना
– आधुनिक विकास आवश्यक है, इसे लेकिन हमारी सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ चलना चाहिए- भारती
10 दिवसीय कला कार्यशाला : रचनात्मकता के साथ साथ समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने की पहल
वाश शैली – दृश्य कला महत्त्वपूर्ण तकनीक है – राजेंद्र प्रसाद लखनऊ। भारतीय कला परिदृश्य
10 दिवसीय कला कार्यशाला : रचनात्मकता के साथ साथ समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने की पहल
फ्लोरोसेंस आर्ट गैलरी द्वारा वाश पेंटिंग, टेराकोट म्यूरल, राकू, छापा कला एवं पारंपरिक मुखौटा पर
अर्थलाइन्स: म्यूरल्स पेंटिंग
वास्तुकला संकाय के छात्रों ने म्यूरल बनाकर याद किया संस्कृति एवं वास्तुकला के सुप्रसिद्ध वास्तुविद
विश्व कला दिवस पर भारतीय समकालीन कला पर व्याख्यान एवं कला छात्रों की कृतियों की प्रदर्शनी लगाई गई
एक नया कला इतिहास लेखन समय की मांग है – जॉनी एम.एल. लखनऊ। “भारतीय कला