लोक कलाओं के विविध तकनीकी और माध्यमों से परिचित हुए लोग

– तीन दिवसीय अखिल भारतीय लोक व जनजातीय कला शिविर के दूसरे दिन सैकड़ों की

तीन दिवसीय अखिल भारतीय लोक व जनजातीय कला शिविर का हुआ भव्य शुभारम्भ

विश्व में सबसे अधिक लोक व जनजातीय कलाऐं भारत में – जय कृष्ण अग्रवाल लखनऊ।

तीन दिवसीय अखिल भारतीय लोक व जनजातीय कला शिविर 2 मई से

लखनऊ। भारत में लगभग प्रत्येक सांस्कृतिक अंचलों की अपनी विशिष्ट आदिवासी एवं लोक कला है।

रागमाला पेंटिंग्स देख तरंगित हुए वास्तुकला के छात्र

भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय में चल रही रागमाला चित्रकला प्रदर्शनी के अंतिम दिन वास्तुकला संकाय के

महाकवि कालिदास की काव्यकृति पर आधारित वरिष्ठ कलाकार रघुवीर अम्बर की मेघदूतम चित्रकला प्रदर्शनी का शुभारंभ

मेघदूतम चित्रकला प्रदर्शनी : सूक्ष्मता की परंपरा के नायाब चित्र लखनऊ। महाकवि कालिदास की काव्यकृति

बटोही प्रदर्शनी : सृजनात्मक क्षमता को रचनात्मक दिशा देगी

बटोही चार दिवसीय सामुहिक कला प्रदर्शनी का हुआ शुभारंभ लखनऊ। ‘बटोही’ कला प्रदर्शनी के द्वारा

रवीन्द्रालय स्थित के जी सुब्रमण्यम के म्यूरल को संरक्षित करने की अपील तेज

– वर्ष 2024 देश के प्रख्यात कलाकार के जी सुब्रमण्यन की जन्मशती वर्ष है –

लखनऊ बुक फेयर के माध्यम से रविंद्रालय पर बने महत्त्वपूर्ण कलाकृति बनी चर्चा का विषय

– उत्तर प्रदेश में आधुनिक कला जगत का प्रतिनिधित्व करती कलाकृतियों के रखरखाव आवश्यक है

चित्रकार के चित्रों की भाषा ही सब समझते हैं, इसे सहज और सरल रखें – रागिनी उपाध्याय

  नेपाल के कला जगत में रागिनी उपाध्याय ग्रैला एक बेहद सम्मानित नाम हैं, रागिनी

यह भारतीय कला का आत्मसम्मान विहीन दौर है – अशोक भौमिक

लखनऊ। जन संस्कृति मंच की ओर से लेखक और पत्रकार अनिल सिन्हा के स्मृति दिवस