महाशिवरात्रि विशेष : साल में दो बार महाशिवरात्रि मनाया जाता है

डॉ. आर.बी. दास, पटना। हिंदू मान्यताओं के अनुसार साल में दो बार महाशिवरात्रि मनाया जाता है। पहली शिवरात्रि फाल्गुन मास के कृष्णपक्ष के चतुर्दशी को आती है और दूसरी श्रावण मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को। दोनो ही महाशिवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण है। फाल्गुन में मनाई जाने वाली महा शिवरात्रि के संदर्भ में कई मान्यताएं प्रचलित है।

इस दिन देवों के देव महादेव और जगत जननी आदि शक्ति मां पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है। साथ ही उनके निमित व्रत उपवास रखा जाता है। शास्त्रों में निहित है की चिरकाल में फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को शिव और मां पार्वती परिणय सूत्र में बंधे थे।

इस अवसर पर लोग अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए भगवान शिव की पूजा करते हैं। ऐसी धारणा है की इस व्रत के पुण्य प्रताप से विवाहितों को सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है वही अविवाहितों की शीघ्र शादी के योग बनने लगते हैं, साथ ही घर में सुख समृद्धि और खुशहाली आती है।

भगवान शिव को भांग, धतूरा, फल फूल, मदार के पत्ते, बेल के पत्ते, नैवेद्य आदि चीजें अर्पित किया जाता है। इस समय शिव चालीसा शिव स्त्रोत का पाठ, शिव तांडव और शिव मंत्रों का जाप किया जाता है।

डॉ. राम बहादुर दास
सलाहकार,
विश्व विद्यालय अनुदान आयोग,(UGC)

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च करफॉलो करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *