डॉ. आर.बी. दास की रचना : सबकी अपनी-अपनी कहानी है…
सबकी अपनी-अपनी कहानी है… वो ऐसा है, वो वैसा है, कौन जाने कौन कैसा है,
डॉ. आर.बी. दास की कविता : बहुत है
।।बहुत है।। डॉ. आर.बी. दास अच्छी थी पगडंडी अपनी, सड़कों पर तो जाम बहुत है।
डॉ. आर.बी. दास की रचना
“जुनून” आदमी से वो करवा लेता है जो वह नहीं कर सकता, “हौसला” आदमी से
डॉ. आर.बी. दास की रचना
।।डॉ. आर.बी. दास की रचना।। वक्त ठहरता कहां है, वक्त चलता जाता है, धीरे-धीरे जिंदगी
डॉ. आर.बी. दास की कविता : दोस्त वही बन जाता है
।।दोस्त वही बन जाता है।। डॉ. आर.बी. दास मन से मन का मेल मिले, बस
डॉ. आर.बी. दास की रचना
किस्मत सखि नहीं फिर भी रूठ जाती है… बुद्धि लोहा नहीं फिर भी जंग लग
डॉ. आर.बी. दास की रचना
पता नहीं लोग इतनी चालाकियां क्यों करते हैं… साथ रहते भी हैं, जलते भी हैं,
डॉ. आर.बी. दास की रचना : मृत्यु
।।मृत्यु।। संस्कार परिवार का माहौल बता देता है, बातचीत इंसान का व्यवहार बता देता है,
डॉ. आर.बी. दास की कविता : जिंदगी
।।जिंदगी।। थोड़ा थक गया हूं, दूर निकालना छोड़ दिया है, पर ऐसा नहीं है की,
डॉ. आर.बी. दास की रचना
जिंदगी में आधा दुःख गलत लोगों से “उम्मीद” रखने से आता है, और बाकी का