गोपाल नेवार, ‘गणेश’ सलुवा की कविता : ‘भूल गया’

।।भूल गया।।
गोपाल नेवार, ‘गणेश’ सलुवा

मोबाइल पर मैसेज लिखते-लिखते
खत लिखना ही भूल गया,
वाट्सएप, फेसबुक पर मित्र बनाते-बनाते
करीबी मित्र को ही भूल गया।

मोबाइल पर ऊंगली चलाते-चलाते
सर उठाना ही भूल गया,
सोशल मीडिया पर विचार व्यक्त करते-करते
अपनों पर विचार करना ही भूल गया।

किए गए पोस्ट की लोकप्रियता देखते-देखते
अपनों की लोकप्रियता को ही भूल गया,
आए हुए कॉमेंट्स की जवाब देते-देते
अपनों को कॉमेंट्स करना ही भूल गया।

टेक्नोलॉजी के चलते सब कुछ ही भूल गया।
स्मार्ट बनते-बनते अपनों को ही भूल गया।

Gopal
गोपाल नेवार, “गणेश” सलुवा

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