डॉ. आर.बी. दास की कलम से…

।।रह गए।।
डॉ. आर.बी. दास

कुछ कहना चाहते थे हम,
लफ्ज मुंह में ही रह गए,
भाव तो चेहरे पर आए,
जज्बात मन में रह गए,

यह कोई नई बात नही थी,
यह सोचकर बस रह गए,
निकलते निकलते बोल हमारे,
फिर होठों पर ठहर गए,

कही अदब की मजबूरी थी,
कभी ओहदा बचाते रह गए,
रुसवाई न हो जाए कही,
कहते कहते रह गए…

Dr. R.B. Das
Ph.D (Maths, Hindi) LLB

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च करफॉलो करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

eighteen + 17 =