।।कल का क्या भरोसा।।
डॉ. आर.बी. दास
किसी की जिंदगी छोटी,
तो किसी की बड़ी होती है…!
मौत किसी के दरवाजे पर,
तो किसी के सर पे खड़ी होती है…!
कौन जाने किसी के हिस्से में,
कल का सूरज आएगा की नही…!
जिससे मुंह फुलाकर बैठे हो आज,
वो क्या पता कल मिल पाएगा की नहीं…!
दिल से जुड़े रिश्तों को,
यू न गलतफहमियों का शिकार बनाइए…!
मन मुटाव की इस गांठ को,
इतना कसकर न लगाइए…!
ये वक्त की रेत हाथों से,
पल में फिसल जायेगी…!
आप आवाज लगाते रहोगे,
और वो बहुत दूर निकल जायेगी…!
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