डॉ. आर.बी. दास की कविता : तो मैं जानू

।।तो मैं जानू।।
डॉ. आर.बी. दास

किताब तो सब पढ़ते हैं,
कोरे कागज पढ़ पाए, तो मैं जानू,
मोहब्बत तो सब करते हैं,
जिंदगी भर साथ निभाए, तो मैं जानू,
साथ हूं तेरे सब कहते हैं,
कोई मेरी परछाई बन पाए, तो मैं जानू,
किसी का प्यार पाना तो सब चाहते हैं,
किसी पर अपना प्यार लुटाए, तो मैं जानू,
खुश रहना तो सब चाहते हैं,
किसी को दुःख न पहुंचाए तो मैं जानू,
मरने पर आंसू तो सब बहाते हैं,
कोई साथ दफन हो जाए, तो मैं जानू…

Dr. R.B. Das
Adv. supreme court,
Advisor (UGC)
National Sec.
SC/ST commission

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