।।कीजिए।।
डॉ. आर.बी. दास
न चादर बड़ी कीजिए,
न ख्वाहिशें दफन कीजिए।
चार दिन की जिंदगी है,
बस चैन से बसर कीजिए।
न परेशान किसी को कीजिए,
न हैरान किसी को कीजिए।
कोई लाख गलत भी बोले,
बस मुस्कुराकर छोड़ दीजिए।
न रूठा किसी से कीजिए,
न झूठा वादा किसी से कीजिए।
कुछ फुरसत के पल निकालिए,
कभी खुद से भी मिला कीजिए…!!
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