साहित्य डीपी सिंह की रचनाएं द्वारा admin - सितम्बर 25, 2023 Share Facebook WhatsApp Twitter Linkedin Telegram क्यों नहीं सनातन के विरुद्ध यलगार सुनाई देती है, क्यों नहीं कालिया नागों की फुफकार सुनाई देती है। हे कृष्ण! धर्म-रक्षार्थ अवतरण का प्रण तुमने लिया कभी, क्यों नहीं तुम्हें अब गउओं की चीत्कार सुनाई देती है। डीपी सिंह