नैन गड़ाइ न ढूँढ़ि सकै कहुँ अन्धन हाथ बटेर लगावै
दीन मलीन दसा कतहूँ कहुँ रत्न चतुर्दिक ढेर लगावै
भाग मिला जस पाइ रहै नर जानत-मानत देर लगावै
राम बसैं हिय में अपने पर मन्दिर मन्दिर टेर लगावै
–डीपी सिंह
नैन गड़ाइ न ढूँढ़ि सकै कहुँ अन्धन हाथ बटेर लगावै
दीन मलीन दसा कतहूँ कहुँ रत्न चतुर्दिक ढेर लगावै
भाग मिला जस पाइ रहै नर जानत-मानत देर लगावै
राम बसैं हिय में अपने पर मन्दिर मन्दिर टेर लगावै
–डीपी सिंह